Tulsi Vivah Pujan Vidhi तुलसी विवाह पूजन विधि

हिन्दू धर्म में तुलसी विवाह बहुत ही फलदायक माना जाता है। माना तो यह भी जाता है की जिन दम्पत्तियों के बेटी न हो और वे ये विवाह करवाएं तो उन्हें कन्यादान के बराबर फल की प्राप्ति होती है। ऐसे में आज हम आपको तुलसी विवाह पूजन की सम्पूर्ण विधि के बारे में बताने जा रहे है।

तुलसी विवाह पूजन विधि इस प्रकार है:-

1. तुलसी विवाह के दिन परिवार के सभी सदस्यों को स्वच्छ कपड़े पहनने चाहिए।

2. अब तुलसी के पौधे को आंगन या पूजा घर के बीच में स्थापित करें।

3. तुलसी का पौधा स्थापित करने के बाद मंडप के दोनों तरफ गन्ने चढ़ाएं।

4. अब तुलसी माता पर सभी प्रकार के सुहाग के सामन अर्पित करें।

5. तुलसी के इस गमले के पास में एक चौकी पर शालिग्राम जी की मूर्ति रखें।

6. अब इस चौकी पर कलश स्थापित कर उसमें स्वच्छ जल भरें।

7. कलश में जल भरने के बाद इस पर पांच आम के पत्ते रखें और लाल कपड़ें में एक नारियल लपेटकर कलेश पर रख दे।

8. अब घी का दीया प्रज्वल्लित करें और शालिग्राम जी पर गंगाजल का छिड़काव कर शुद्ध करें।

9. अब शालिग्राम जी का पंचामृत से अभिषेक करें और उन्हें पीले वस्त्र धारण कराएं।

10. वस्त्र अर्पित करने के बाद तुलसी और शालिग्राम जी पर हल्दी का लेप लगाएं।

11. लेप व अन्य पूजन सामग्री चढ़ाने के बाद शालिग्राम जी की साथ लेकर तुलसी माता की सात बार परिक्रमा करें।
12. शालिग्राम जी को उठाते समय इस बात का विशेष ध्यान रखें की इसे घर का कोई पुरुष सदस्य ही उठाए।

13. परिक्रमा संपन्न होने के बाद आखिर में परिवार समेत तुलसी जी की आरती गाएं और भोग अर्पित करें।

14. घर में यदि किसी महिला को विवाह के मंगल गीत आते है तो वे इस दौरान यह गीत गा सकती है।

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