Narak Chaturdashi Pujan Vidhi 2023 – नरक चतुर्दशी पूजा विधि 2023

ऐसा माना जाता है की कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी के दिन प्रातःकाल तेल लगाकर अपामार्ग (एक तरह की औषधि ) की पत्तियाँ जल में डालकर स्नान करने से नरक से मुक्ति मिलती है। छोटी दिवाली या नरक चतुर्दशी के दिन विधि-विधान से पूजा करने वाले व्यक्ति सभी पापों से मुक्त हो स्वर्ग को प्राप्त करते है।

नरक चतुर्दशी पूजा सामग्री

  1. काले तिल
  2. चावल
  3. लकड़ी की चौकी
  4. चांदी के सिक्के
  5. दीये
  6. पूजा थाली
  7. रोली
  8. धूप
  9. फूल और मिठाई

1. प्रार्थना
कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को प्रातःकाल ‘अपामार्ग’ को स्नान के समय मस्तक पर घुमाना चाहिये। इससे नरक के भय का नाश होता है। उस समय निम्न प्रकार से प्रार्थना करे-

सीता-लोष्टा-सह-युक्त: शकंटक-दलनविता ।
हारा पापमपमार्ग! भ्राम्यमना पुनः पुनाः ॥

2. तर्पण
स्नान के पश्चात् ‘यम’ के चौदह नामों का तीन-तीन बार उच्चारण करके तर्पण (जल-दान) करना चाहिये। साथ ही ‘श्री भीष्म’ को तीन अञ्जलियाँ जल-दान देकर तर्पण करना चाहिये, यहां तक की जिनके पिता जीवित है, उन्हें भी यह जल-अञ्जलियाँ देनी चाहिये। जल-अञ्जलि हेतु यमराज के निम्नलिखित 14 नामों का तीन बार उच्चारण करना चाहिये-

ॐ यमया नमः ॥
ॐ धर्मराजय नमः ॥
ॐ मृत्युवे नमः ॥
ॐ अंतकाय नमः ॥
ॐ वैवस्वताय नमः ॥
ॐ कलय नमः ॥
ॐ सर्वभूतक्षय्या नमः ॥
ॐ औदुम्बराय नमः ॥
ॐ दधनाय नमः ॥
ॐ निलय नमः ॥
ॐ परमेष्ठिन नमः ॥
ॐ वृकोदराय नमः ॥
ॐ चित्राय नमः ॥
ॐ चित्रगुप्ताय नमः ॥

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