Radha Ashtami 2023-किस दिन मनाई जाएगी राधा अष्टमी जानें जन्म कथा व शुभ मुहूर्त

जहां कृष्ण का नाम लिया जा रहा है, वहां राधा का नाम तो अवश्य लिया जाता है। इसलिए हमारे धर्म शास्त्रों में हमेशा राधा-कृष्ण का नाम सदा एक साथ लिया जाता है। राधा जी भले ही भगवान कृष्ण की पत्नी न बनी हो, लेकिन आज भी उनके बिना श्री कृष्ण की पूजा अधूरी मानी जाती है। हाल ही में 19 अगस्त, 2022 के दिन भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया गया था, और उनके जन्म के ठीक 15 दिन बाद राधा रानी के जन्म का उत्सव मनाया जाता है।

ऐसे में आज के इस पोस्ट में हम आपको इस त्यौहार से जुड़ी सभी प्रकार की जानकारी देने जा रहे है, तो आइये जानते है-

हमारा दिन कैसे गुजरेगा यह इस बात पर निर्भर करता है, सुबह सबसे पहले आप अपनी दैनिक दिनचर्या की शुरुआत कैसे करते हैं। धार्मिक शास्त्रों में सुबह उठने को लेकर कुछ नियम निर्धारित किए गए हैं। यदि व्यक्ति इन नियमों के अनुसार अपने दिन की शुरुआत करे तो उनका पूरा दिन अच्छा बीतता है।
माना जाता है की सुबह उठते ही व्यक्ति यदि गायत्री मंत्र या ॐ का जाप करें तो यह उस पूरे दिन सकारात्मक या पॉज़िटिव बनाए रखता है। ऐसे में आज इस ब्लॉग में हम आपको कुछ ऐसी चीजों के बारे में बताने जा रहे है जिनहे सुबह उठते समय आपको ध्यान रखनी चाहिए-

कब है राधा अष्ठमी? Radha Ashtami Date 2023

भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को राधा अष्टमी का पर्व मनाया जाता है. इस दिन को श्री कृष्ण की प्रिय राधा रानी के जन्मोत्सव के रुप में मनाया जाता है. मान्यता अनुसार श्री कृष्ण के जन्म के 15 दिन के बाद राधा रानी का जन्म हुआ था. इसीलिए इस दिन को राधा रानी के जन्मदिवस के रुप में मनाया जाता है और राधा अष्टमी के नाम से जाना जाता है. श्री कृष्ण प्रिय राधा रानी के जन्मोत्सव पर उनके भक्त इस दिन उनके लिए व्रत रखते हैं और सच्चे मन से उनकी आराधना करते हैं.

साल 2023 में 23 सितंबर, शनिवार के दिन राधा अष्टमी का व्रत रखा जाएगा. इस दिन लोग मंगल कामना के लिए व्रत कर सकते हैं और पूरे विधि-विधान से व्रत करने से आपको मनचाहे फल की प्राप्ति होगी और घर में खुशियों का वास होगा. राधा अष्टमी का दिन श्री कृष्ण और राधा रानी के भक्तों के लिए बहुत खास दिन होता है. इस दिन लोग श्री कृष्ण और राधा रानी की भक्ति में लीन रहते हैं और व्रत करते हैं.

राधा अष्टमी शुभ मुहूर्त 2023| Radha Asthami Shubh Muhurat

राधा अष्टमी के दिन आप 23 सितंबर को सुबह 11:01 मिनट से शुरु होकर दोपहर 1:26 मिनट तक रहेगा.
अष्टमी तिथि 22 सितंबर 2023 को दोपहर 1:35 मिनट से शुरु होकर 23 सितंबर 12:17 मिनट तक रहेगी.
इस काल में आप श्री राधे जी की पूजा-अर्चना कर सकते हैं.

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार राधा अष्टमी के दिन सुबह 04:36 बजे से लेकर सुबह 05:02 तक का समय, पूजन के लिए सबसे शुभ मुहूर्त है।

राधा रानी की जन्म कथा| Birth Story of Radha Rani

राधा रानी को सदा ही कृष्ण भगवान की संगिनी के रूप में विश्वभर में जाना जाता है। ऐसी मान्यता है की भगवान कृष्ण का नाम हमेशा राधा के बाद ही लिया जाता है। वेद- पुराणों के अनुसार राधा जी का जन्म बरसाना के यादव परिवार में हुआ था। उनके पिता एक राजा थे, जिनका नाम वृषभानु था और उनकी माता का नाम कीर्ति था। माना जाता है जब राधा जी का जन्म हुआ तो उन्होने अपनी आंखे नही खोली थी, जिसके कारण उनके माता पिता को लगा की वे अंधी है। लेकिन राधा जी सबसे पहले श्री कृष्ण को देखना चाहती थी, जिसके बाद बाल स्वरूप में श्री कृष्ण के दर्शन कर ही उन्होंने अपनी आंखे खोली। ग्रंथों में राधा-कृष्ण की बहुत सी लीलाओं का वर्णन किया गया है। भगवान कृष्णा राधा जी से अटूट प्रेम करते थे और उन दोनों यह प्रेम युगों युगों तक ऐसे ही याद किया जाएगा।

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