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हिन्दू धर्म में किसी भी शुभ या मांगलिक कार्य को शुरू करने से पहले उसका शुभ मुहूर्त देखा जाता है। कहा जाता है की मांगलिक कार्य को यदि शुभ मुहूर्त के दौरान संपन्न किया जाए तो वह कार्य सिद्ध हो जाता है। इसके साथ मांगलिक कार्य के समय एक और बात जिसका विशेष ध्यान रखा जाता है, वह है राहु काल का समय। क्या आपके कभी सोचा राहुकाल के समय कोई शुभ कार्य क्यों नहीं किया जाता है?
हमने अक्सर अपने बड़े-बुजुर्गों को कहते हुए सुना है की राहु काल शुरू हो गया है, अब किसी भी प्रकार एक शुभ कार्य नही होगा। आखिर यह राहु काल क्या होता है? दरअसल,ज्योतिषशास्त्र में नौ ग्रह बताएं जाते है, इन सभी ग्रहों में से राहु को एक अशुभ ग्रह माना जाता है। जिस कारण इस मुहूर्त में किए गए सभी कार्य अशुभ फल ही प्रदान करते है। आपको बता दें, राहु ग्रह किसी भी राशि के स्वामी नहीं माने जाते है। लेकिन, इसका प्रभाव जातक की कुंडली में नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। यही कारण है की इस मुहूर्त में मांगलिक कार्य को शुरू करने के लिए मना किया जाता है।
राहु काल का धार्मिक महत्व | Significance of Rahu Kaal
हमारे शास्त्रों में हर एक कार्य को करने का एक उचित समय और तिथि बताई जाती है। यह समय ग्रहों के चाल के अनुसार निर्धारित किया जाता है। ऐसे में तीन प्रकार के काल राहु, गुलिक और यमगंड काल को संकट और विनाश का काल बताया जाता है।
माना जाता है कि दिन में एक बार यह तीनों काल अवश्य आते है,और दिन के इसी पहर को अशुभ माना जाता है। ज्योतिष विशेषज्ञों के अनुसार राहु काल के समय आसुरी शक्तियां सबसे अधिक प्रभावशाली होती है, जो किसी भी कार्य में बाधा उत्पन्न कर सकते है। प्रत्येक दिन के 24 घंटो में से 90 मिनट के समय को राहुकाल का समय माना जाता है।
राहु काल का समय | Timings of Rahu kaal
राहु काल का समय इस प्रकार है-
सोमवार | 07:30 – 09:00 AM |
मंगलवार | 03:00 – 04:30 PM |
बुधवार | 12:00 – 01:30 PM |
गुरुवार | 01:30 – 03:00 PM |
शुक्रवार | 10:30 – 12:00 AM |
शनिवार | 09:00 – 10:30 AM |
रविवार | 04:30 – 06:00 PM |
राहु काल में क्या न करें?
• इस समय में किस प्रकार का नया व्यापार शुरू नहीं करना चाहिए।
• राहु काल में किसी प्रकार हवन, पूजन, गृह प्रवेश, मुंडन नहीं करने चाहिए।
• राहुकाल के इस अशुभ समय के दौरान यात्रा करना भी शुभ नहीं माना जाता है।
• इस काल में विवाह व अन्य किसी भी प्रकार के मांगलिक कार्य संपन्न नहीं करने चाहिए।
• इस अशुभ समय में किसी प्रकार की खरीद- बिक्री भी नहीं करनी चाहिए, ऐसा करने से आपको हानि हो सकती है।
राहु काल के दुष्प्रभावों के दूर करने के लिए आप नियमित रूप से राहु यंत्र का पूजन भी कर सकते है। इस यंत्र का पूजन न सिर्फ राहु के दुष्प्रभावों को कम करने में सहायक होगा बल्कि जीवन सौभाग्य को भी आकर्षित करेगा।