Som Pradosh Vrat -सोमप्रदोष व्रत का महत्व व इस दिन किये जाने वाले चमत्कारी उपाय

सनातन धर्म में बहुत से व्रत-त्यौहार मनाएं जाते है। इन्ही व्रतों में से एक प्रदोष का भी व्रत है। एकादशी के साथ ही प्रदोष व्रत का भी बहुत अधिक महत्व बताया जाता है। यहां हम आपको इस ब्लॉग माध्यम से प्रदोष व्रत से जुड़ी कुछ जानकारी देने जा रहे है।

हिन्दू पंचांग के अनुसार हर महीने की त्रयोदशी को प्रदोष का यह व्रत रखा जाता है। प्रदोष का यह व्रत खास तौर पर भगवान शिव को समर्पित होता है। इस दिन विधि-विधान से भगवान शिव की पूजा-अर्चना की जाती है। वही यदि, यह तिथि सोमवार के दिन पड़े, तो इस व्रत की महत्ता और भी अधिक बढ़ जाती है। कहा जाता है, सम्पूर्ण भक्तिभाव से किए गए इस व्रत का फल अवश्य मिलता है। आइये जानते है, इस व्रत के और क्या महत्व बताए जाते है? इसके साथ ही, इस दिन आप किन उपायों से भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न कर सकते है-

सोमप्रदोष व्रत का महत्व | Importance of Som Pradosh

कष्टों से मुक्ति
वेद-पुराणों में प्रदोष के व्रत की बहुत अधिक महिमा मानी जाती है। कहा जाता है की सच्चे मन से प्रदोष के व्रत को रखने से सभी प्रकार दुःख एवं कष्टों से मुक्ति मिलती है। इसलिए, यदि कोई व्यक्ति सोम प्रदोष का व्रत रखे तो उसे सच्चे मन से इस व्रत का पालन करना चाहिए।

गौदान के बराबर फल की प्राप्ति
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, प्रदोष का व्रत करने से दो गौदान करने के बराबर फल की प्राप्ति होती है। भगवान शिव को समर्पित प्रदोष के दिन निराहार व्रत रखने का विधान माना जाता है। व्यक्ति अपनी श्रद्धानुसार एक समय फल खाकर भी यह उपवास रख सकता है।

चंद्र ग्रह संबंधित दोषों से छुटकारा
भगवान शिव से जुडी सभी प्रकार की पूजा-अर्चना एवं व्रत इत्यादि, चंद्र ग्रह से जुड़े सभी प्रकार के दोषों से मुक्ति दिलाने में सहायक है। ऐसे में यदि आपकी कुंडली में भी चन्द्रमा की स्थिति कमजोर हो, तो आपको सोमप्रदोष का यह व्रत अवश्य करना चाहिए।

सोमप्रदोष व्रत के उपाय | Som Pradosh ke Upay

• इस दिन भगवान शिव की पूजा प्रांरभ करने से पहले भगवान गणेश की पूजा करनी चाहिए। ऐसा करने से संतान के जीवन में आ रही बाधाएं दूर होती है।

• सोम प्रदोष के दिन भगवान शिव को ‘जौ’ अर्पित करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है।

• इस दिन गाय के दूध से भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए और भगवान शिव के मंत्रों का निरंतर जाप करना चाहिए। ऐसा करने आपके घर में सुख-समृद्धि सदा बनी रहेगी।

• सोमप्रदोष के दिन देसी घी से भगवान भोलेनाथ का अभिषेक करने से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से छुटकारा मिलता है।

• यदि पितृ दोष संबंधित किसी प्रकार की समस्या आपके जीवन में चल रही है, तो प्रदोष के दिन भगवान शिव को काले तिल चढाने चाहिए।

• इसके साथ ही यदि आपकी कुंडली में शुक्र कमजोर स्थिति में है, तो सोम प्रदोष के दिन भोलेनाथ पर अक्षत अर्पित करने चाहिए।

धर्म शास्त्रों में सोमप्रदोष के इस व्रत को अनेक शुभ फल प्रदान करने वाला बताया गया है। इस दिन घर में शिवलिंग स्थापित करने को भी बहुत शुभ माना जाता है। ऐसे में आप सोमप्रदोष के दिन, घर में नर्मदेश्वर शिवलिंग या पारद शिवलिंग की स्थापना कर सकते है। शिवलिंग स्थापित के पहले एक अनुभवी ज्योतिषी से परामर्श अवश्य लें और फिर विधि-विधान से भगवान शिव का पूजन करें।

पौराणिक ग्रंथों में पुष्य नक्षत्र के बारे में लिखा गया एक श्लोक इस प्रकार है-

एक पुष्य सिद्धौ नक्षत्रे सिध्यन्ति अस्मिन् सर्वाणि कार्याणि सिध्यः।
पुष्यन्ति अस्मिन् सर्वाणि कार्याणि इति पुष्य।।
यहां दिए गए इस श्लोक का अर्थ है की पुष्प नक्षत्र में आरंभ किये गए सभी कार्य फलदायक और सर्वार्थ सिद्ध होते है।

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