Tulsi Mala Benefits-तुलसी माला धारण करने के लाभ व 5 जरूरी नियम

घर के पूजन से लेकर बिमारियों को ठीक करने तक, तुलसी सभी तरह से प्रयोग किए जाने वाली एक महत्वपूर्ण औषधि है। प्राचीन काल से ही तुलसी का बहुत महत्व माना गया है। यही कारण है की अधिकांश हिन्दू घरों के आंगन में तुलसी का पौधा देखा जाता है। माना जाता है की जिस घर में नियमित रूप में तुलसी के पौधे का पूजन होता है, वहां कभी नकारात्मकता का वास नहीं होता है और सदा पॉजिटिव एनर्जी बनी रहती है।

घर में किसी प्रकार के वास्तु दोष का न होना और घर के वातावरण का हमेशा शुद्ध बने रहना भी तुलसी के ही कुछ महत्वपूर्ण लाभ माने जाते है। यह तो हम सभी जानते है की तुलसी के पौधे को घर में लगाने के बहुत से चमत्कारी लाभ होते है, लेकिन क्या आप जानते है की धार्मिक ग्रंथों में तुलसी माला को धारण करने को भी बहुत फायदेमंद माना गया है।

कहा जाता है की जो भक्त खास तौर पर श्री कृष्ण या भगवान विष्णु की आराधना करते है, उन्हें तुलसी माला धारण करने के बहुत लाभ मिलते है। ऐसे में आज के इस ब्लॉग में हम आपको इन्हीं कुछ लाभों के बारे में विस्तार से बताने जा रहे है। साथ ही, ब्लॉग के अंत में हम आपको इस माला को धारण करने से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण नियमों के बारे में भी बताएंगे, तो आइये जानते है।

तुलसी की माला पहनने के लाभ | Benefits of Wearing Tulsi Mala

मानसिक बीमारियों से छुटकारा
माना जाता है की जो भी व्यक्ति अपने जीवन में स्ट्रेस, डिप्रेशन या चिंता का सामना कर रहे है, उन्हें तुलसी माला धारण करनी चाहिए। तुलसी माला को नियमित रूप से धारण करने से न सिर्फ व्यक्ति का मन शांत रहता है बल्कि सभी मानसिक तनाव से भी मुक्ति मिलती है।

बुरी ऊर्जा को दूर करने में सहायक
तुलसी माला को धारण करने का एक लाभ यह भी है की, इसे पहनने से किसी भी प्रकार की बुरी या नकारात्मक ऊर्जा से छुटकारा पाया जा सकता है। तुसली माला के प्रभाव से बुरी ऊर्जा जैसे भूत-प्रेत और काले जादू से बचाव होता है और मन में सदा सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।

शुक्र और बुध ग्रह होता है मजबूत
जिस भी जातक के की कुंडली में बुध और शुक्र ग्रह की स्थिति खराब चल रही है, उन्हें भी तुलसी माला पहननी चाहिए। कहा जाता है की कुंडली में चल रहे बुध और शुक्र संबंधी दोषों के निवारण के लिए तुलसी की माला बहुत मददगार साबित होती है।

रक्तचाप को नियंत्रित रखने में मददगार
तुलसी एक प्रकार की विशेष औषधि है, जिससे एक नहीं बहुत सी बीमारियों को ठीक किया जा सकता है। माना जाता है की तुलसी को धारण करने से शरीर में एक विशेष ऊर्जा का संचार होता है, जो ब्लड सर्कुलेशन में बाधा नहीं आने देता है। ऐसे में यदि आप भी इस बीमारी से परेशान है, तो तुलसी माला को गले में धारण कर सकते है।

तुलसी माला धारण करने के नियम | Rules for Wearing Tulsi Mala

• तुलसी माला को धारण करने से पहले इसे शुद्ध अवश्य करें।
• माला को शुद्ध करने के लिए आप दूध और गंगाजल का प्रयोग कर सकते है।
• तुलसी माला को धारण करने के बाद मांस एवं मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए।
• यदि आप रुद्राक्ष माला धारण करते है तो आपको तुलसी माला नहीं पहननी चाहिए।
• तुलसी माला को कभी गंदे हाथों से नहीं छूना चाहिए, हाथों को हमेशा शुद्ध करके ही तुलसी माला को धारण करना चाहिए।

गरुड़ पुराण के अनुसार तुलसी धारण करने वाले व्यक्ति के साथ स्वयं भगवान विष्णु वास करते है। माना जाता है कि तुलसी की माला का उपयोग करने से व्यक्ति के मन, शरीर और आत्मा शुद्ध हो जाती है। यदि आप भी जीवन में किसी प्रकार की शारीरिक व मानसिक बीमारी से परेशान है या भगवान विष्णु को प्रसन्न करना चाहते है तो तुलसी माला को अवश्य धारण करें।

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