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श्रावन मास में सावन शिवरात्रि व्रत का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सावन शिवरात्रि व्रत के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की उपासना करने से वैवाहिक जीवन में सुख और समृद्धि बनी रहती है साथ ही परिवार में सुख एवं समृद्धि का आगमन होता है। सावन शिवरात्रि व्रत के दिन तीन अत्यंत शुभ योग का निर्माण हो रहा है आइए जानते हैं।
बता दें कि इस वर्ष सावन शिवरात्रि व्रत 15 जुलाई 2023, शनिवार के दिन रखा जाएगा। पंचांग के अनुसार, इस विशेष दिन पर तीन अत्यंत शुभ योग का निर्माण हो रहा है, जिसमें पूजा-पाठ करने से साधकों को विशेष लाभ प्राप्त हो सकता है। आइए जानते हैं, सावन शिवरात्रि व्रत शुभ योग, पूजा मुहूर्त और महत्व।
सावन शिवरात्रि महत्व | Sawan Shivratri 2023 Importance
सावन मास की शुरुआत से कावड़ यात्रा का शुभारंभ हो जाता है और सावन शिवरात्रि के दिन कांवड़िए लंबी यात्रा कर भगवान शिव को जल अर्पित करते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सावन शिवरात्रि के दिन भगवान शिव का जलाभिषेक करने से और पूजा-पाठ करने से साधक को सभी समस्याओं से मुक्ति प्राप्त होती है। इसके साथ इस विशेष दिन पर चारों प्रहर पूजा करने से साधक को धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष इन सभी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
सावन शिवरात्रि भगवान शिव मंत्र (Sawan Shivratri 2023 Shiv Mantra)
* ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात् ।।
* श्री शिवाय नम: ।।
* श्री शंकराय नम: ।।
* नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय भस्माङ्गरागाय महेश्वराय ।
नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय तस्मै नकाराय नम: शिवाय ।।
* ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् ।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ।।
* शर्वाय क्षितिरूपाय नंदीसुरभये नमः ।
ईशाय वसवे सुभ्यं नमः स्पर्शमयात्मने ।।
सावन शिवरात्रि पूजा विधि | Sawan Shivratri 2023 Puja Vidhi
सावन शिवरात्रि की पूजा, दो तरीकों से जाती सकती है। यह पूजा या तो आप सुबह उठकर कर सकते है, या फिर इस पूजा को आप रात में भी कर सकते है दोनों के अपने अपने महत्व होते है, लेकिन दोनों की पूजन विधि सामान्य होती है।सावन शिवरात्रि के दिन सुबह उठकर सबसे पहले भगवान शिव का स्मरण कर व्रत का संकल्प ले।
सावन शिवरात्रि के दिन आप घर या मंदिर कहीं भी पूजा कर सकते है, यदि आप घर में पूजा कर रहे है तो घर में मिट्टी के शिवलिंग का भी निर्माण कर सकते है।
इस शिवरात्रि के दिन रुद्राभिषेक का भी बहुत महत्व बताया जाता है, माना जाता है इस दिन अभिषेक करने से शुभ फल प्राप्त होते है।
इस दिन आप भगवान शिव का अभिषेक, दूध, दही, जल, शहद, गन्ने के रस इत्यादि से कर सकते है।
शिवलिंग पर अभिषेक करने के बाद चन्दन, पुष्प, बेलपत्र, फल और धतूरा आदि अर्पित करें।
पूजा के दौरान शिव मंत्रो का जाप करें और पूजा समाप्त करने के बाद शिव चालीसा आदि का पाठ करें।
अब हाथ जोड़कर मन में भगवान शिव का ध्यान करें और अंत में सपरिवार शिवरात्रि की कथा सुने और भगवानशिवकीआरती गाएं।
सावन शिवरात्रि व्रत 2023 पूजा मुहूर्त | Sawan Shivratri 2022 Shubh Muhurat
हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 15 जुलाई को रात्रि 08 बजकर 32 मिनट से शुरू होगी और इस तिथि का समापन 16 जुलाई को रात्रि 10 बजकर 08 मिनट पर हो जाएगा। सावन शिवरात्रि के दिन रात्रि के समय पूजा-पाठ का विधान है, इसलिए यह व्रत 15 जुलाई 2023, शनिवार के दिन रखा जाएगा। इस विशेष दिन भगवान शिव और माता पार्वती की उपासना चार प्रहार में की जाती है।
प्रथम पहर पूजा- शाम 07:21 से रात्रि 09:54 तक
द्वितीय प्रहर पूजा- रात्रि 09:54 से मध्य रात्रि 12:37 तक
तृतीय प्रहर पूजा- रात्रि 12:37 से प्रातः 03:00 तक
चतुर्थ एवं अंतिम प्रहर पूजा- सुबह 03:00 बजे से सुबह 05:33 तक