Mangla Gauri Vrat 2023 – सावन में इस दिन रखे जाएंगे मंगला गौरी व्रत, जानें इस व्रत की पूजन विधि और महत्व!

मंगला गौरी व्रत सावन के प्रत्‍येक मंगलवार को रखा जाता है। महिलाएं अपने पति की दीर्घायु के लिए इस व्रत को करती हैं। मान्‍यता है कि सावन में दांपत्‍य जीवन की खुशहाली के लिए इस व्रत को करने से मां पार्वती प्रसन्‍न होकर आपको सदैव सुहागिन रहने का आशीष देती हैं। देखिए सावन के सभी मंगला गौरी व्रत की तिथियां और पूजाविधि।

सावन के सोमवार की तरह सावन के मंगलवार का भी विशेष महत्‍व होता है। सावन के प्रत्‍येक मंगलवार को मंगला गौरी व्रत रखा जाता है। महिलाएं अपने पति की दीर्घायु के लिए इस व्रत को करती हैं। मान्‍यता है कि इस व्रत को करने से मां पार्वती प्रसन्‍न होती हैं और आपको सदैव सौभाग्‍यवती रहने का आशीर्वाद प्रदान करती हैं। पहला मंगला गौरी व्रत 18 जुलाई को रखा जाएगा। आइए आपको बताते हैं इस व्रत की पूजाविधि और शुभ मुहूर्त और महत्‍व।

मंगला गौरी व्रत की सभी तिथियां

पहला मंगला गौरी व्रत 2023 – 4 जुलाई 2023
दूसरा मंगला गौरी व्रत 2023 – 11 जुलाई 2023
तीसरा मंगला गौरी व्रत 2023 – 22 अगस्त 2023
चौथा मंगला गौरी व्रत 2023 – 29 अगस्त 2023

सावन अधिक मास के मंगल गौरी व्रत की तिथियां

पहला मंगला गौरी व्रत: 18 जुलाई
दूसरा मंगला गौरी व्रत: 25 जुलाई
तीसरा मंगला गौरी व्रत: 1 अगस्त
चौथा मंगला गौरी व्रत: 8 अगस्त
पांचवा मंगला गौरी व्रत: 15 अगस्त

मंगला गौरी व्रत का महत्व

मंगला गौरी व्रत को करने से पति की आयु लंबी होती है। अविवाहित महिलाएं भी अच्‍छा वर पाने के लिए यह व्रत करती हैं। दांपत्‍य जीवन की खुशहाली और परिवार में सुख शांति के लिए भी यह व्रत किया जाता है। पति और पत्‍नी के बीच में प्रेम बढ़ता है। संतानहीन लोग मंगला गौरी व्रत करते हैं तो उन्‍हें संतान सुख की प्राप्ति होती है।


मंगला गौरी व्रत की पूजाविधि

सावन के मंगलवार के दिन सुबह जल्‍दी उठकर स्‍नान करें और शिवलिंग पर जल चढ़ाकर व्रत का आरंभ करें। उसके बाद पति और पत्‍नी दोनों मिलकर विधि-विधान से माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करें। माता पार्वती को अक्षत्, कुमकुम, फूल, फल, माला और सोलह श्रृंगार की सामग्री, सुहाग का सारा सामान अर्पित करें। उसके बाद धूप, दीप, नैवेद्य आदि चढ़ाएं और पति की दीर्घायु के लिए प्रार्थना करें। उसके बाद मंगला गौर व्रत की कथा करके पूजा का समापन करें। मंगला गौरी व्रत का पारण बुधवार में किया जाता है।

मंगला गौरी मंत्र (Mangla Gauri Mantra)
माँ गौरी को प्रसन्न करने के लिए आप नीचे दिये गए इस मंत्र का उच्चारण कर सकते हैं:

कुंकुमागुरुलिप्तांगा सर्वाभरणभूषिताम् ।
नीलकण्ठप्रियां गौरीं वन्देहं मंगलाह्वयाम् ।।

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